रविवार, 10 फ़रवरी 2013

तुम्हारी चिठ्ठी!?!

तुम्हारी चिठ्ठी!?!

तुम्हारी
चिठ्ठी नहीं आई
उम्मीदों की
आँख थक गई
पहले-पहले
सोचा था
शायद तुम
गमगीन हो गई
अपने

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