शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2013

ग़जल

प्रित लगी कुछ ऐसी उनसे
दिदार हुवी तब कह नही पाया
जब रुख्सत हुई तो
याद आया था

आँखे उनकी झुकी हुई थी
उन्हे छुने को

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