hindi sahitya
शनिवार, 14 जुलाई 2012
रूक जाता अगर उस छाँव में
रूक जाता अगर उस छाँव में
आता न मैं अपने गाँव में
साहिल पे कोई न आया
बहकर नदी के बहाव में
बीती उमर सारी याद
पूरा पढ़े ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें