hindi sahitya
गुरुवार, 19 जुलाई 2012
मन
आज मन हो गया उदास
कुछ नहीं,सिर्फ एहसास
कुछ भूली बिसरी यादें
मिलने बिछुढ़ने की बांते
टूटे हुवे स्वप्नों का
पूरा पढ़े ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें