hindi sahitya
शुक्रवार, 20 जुलाई 2012
उम्मीद
पथझढ़ के मौसम मैं
सूखे पत्तो पर हरियाली चाहिये
याद आये नहीं जीवन मैं
वक्त पढ़ा तो, उनको संवाद चाहिये
बिसरा
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