hindi sahitya
बुधवार, 10 अक्टूबर 2012
छोड कर दर तेरा हम किधर जाएंगे [नात-ए-मुबारक़]
छोड कर दर तेरा हम किधर जाएंगे ,
बिन तेरे आंह भर- भर के मर जाएंगे ।
नाम ले-ले मुहम्मद का ऐ दिल मेरे ,
सारे
पूरा पढ़े ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें