hindi sahitya
बुधवार, 20 फ़रवरी 2013
भूल आया हूँ...
खुद से बातें करते, आज बहुत दूर निकल आया हूँ,
अपने घर का पता भी, मैं भूल आया हूँ।
किनारे की एक छोर पकड़, उसके साथ यहाँ
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