hindi sahitya
रविवार, 10 फ़रवरी 2013
मोहब्बत जब जीने का मंजर बन जाए !!
मोहब्बत जब जीने का मंजर बन जाए !!
उनसे क्या मिले, कि खुद से फ़ासले बढ़ गए;
जितना वह क़रीब आये, हम वज़ूद खो गए ;
हर
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