hindi sahitya
शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2013
हाइकु -- पराशर गौर
माथै बिन्दिया
चमके एसे जैसे
फूल गुलाब !
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तेरी चुनर
बाते करे ह्वा से
पह्ली बन
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