hindi sahitya
सोमवार, 18 फ़रवरी 2013
तेरा मेरा साथ
छाँव छम्म से
कूदकर वृक्षों से
स्वागत करती है
धूप के यात्री का।
जिसके चेहरे की रंगत
हो गई है ताँबे के
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