hindi sahitya
मंगलवार, 19 फ़रवरी 2013
तृष्णा
संग्रह कर्ता-इन्द्र देव चवरे
कवि - 'सुंदर'
जो दस बीस पचास भए शत, होइ हजार तो लाख मंगैगी |
कोटि अरब्ब खरब्ब
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