hindi sahitya
सोमवार, 11 फ़रवरी 2013
प्रभु खुद मे है समाए
खोद खोद के ढुंढ रहे हो
मन्दीर मन्दीर तुं जाए
सुबह उठ के मन्त्र तुं जपते
ठंडे पानी नहाये
खोल के पढ ले गीता को
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