hindi sahitya
शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2013
मै हूँ तन्हा...
तेरे लबों के साये में
हुई आज सहर....
तेरे पहलु में
छुपी है आज की शाम....
शर्माता हुआ निकला चाँद
तेरे शानों
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