hindi sahitya
रविवार, 10 फ़रवरी 2013
खिलाफ़त
खिलाफ़त
दिल का रोशन चिराग,"ज्लवा", क्या करे मनाने;
दिल परवाना दस्तक दे, ख़ैरियत के ही बहाने |
उनका क्या कसूर
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