hindi sahitya
रविवार, 17 फ़रवरी 2013
"जहाँ अभी गोली चली थी"
अँधेरे की ऊनी चादर ओढ़े,
वो रात भयानक सी है.
जहाँ अभी गोली चली थी,
जहाँ थोड़ी देर पहले भगदड़ मची थी।
एक तरफ,
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