रविवार, 15 जुलाई 2012

क्या तेरे सामने खड़ा रहूँगा...रवीन्द्रनाथ टैगोर की "गीतांजलि" का बंगला से हिंदी में अनुवाद

प्रतिदिन हे जीवनस्वामी !
क्या तेरे सामने खड़ा रहूँगा
हाथ जोड़कर हे भुवनेश्वर !
क्या तेरे सामने खड़ा रहूँगा
तेरे

पूरा पढ़े ...

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें