शुक्रवार, 20 जुलाई 2012

पिया मिलन की बात

सुनीसुनी सी रात, मन भीगा
याद आई तेरी, मन बहका,
आज मंज़र थे कुछ जालिम से
याद आये दिन वह मिलन के !
सावन के भीगी भीगी

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