शनिवार, 29 सितंबर 2012

चाँद की है क्या मजाल ?......!!!

जब उनकी नज़र जो इनायत हुई हम पर,
सब की निगाहों मे मेरा ही वजूद छा गया...!
महफ़िल में आज सब की नजर हम पर,
जब से

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