शुक्रवार, 23 नवंबर 2012

लीला सरकारी बाबू की


बडी हि अद्भुत लीला है, ये सरकारी बाबू की.

बिना दिये चलती नही, कलम सरकारी बाबू की.

मुहँ मे पान

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