गुरुवार, 22 नवंबर 2012

रुसवाई ने अब देख लिया है मेरा घर भी....

इस पेड़ में एक बार तो आ जाये समर भी ,
जो आग इधर है कभी लग जाय उधर भी ,

कुछ मेरी अना भी मुझे झुकने नहीं देती ,
कुछ इसकी

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