शुक्रवार, 30 नवंबर 2012

रोज रात...

रोज रात,

जो सितारे, आसमां पर चमकते हैं,

आ जाते हैं, मेरे कमरे में,

और चमकते हैं, छत से चिपककर,

और मैं, उन्हें टकटकी

Shwet

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