गुरुवार, 7 फ़रवरी 2013

19-अज़ीज जान से ज्यादा है शायरी की तरह salim raza rewa mp 9981728122

ग़ज़ल
अज़ीज जान से ज्यादा है शायरी की तरह
तू मेरे साथ है हर लम्हा ज़िन्दगी की तरह

कभी जो साथ रहा

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