मंगलवार, 12 फ़रवरी 2013

दारिद्र को जारन को नहीं आयो / शिवदीन राम जोशी

अर्जुन दग्ध कियो वन खाण्डव,
जाय यो काज तो तुच्छ सरायो ।
केसरी पुत्र कछु न करी अहो !

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