hindi sahitya
सोमवार, 11 फ़रवरी 2013
कुछ शे'र मार रहा हूँ...
"तुझे पा ना सका, ये ग़म है मुझे,
तेरा नाम मगर, मरहम है मुझे..."
"ना कर इतना गुमां, पलकों पे मेरी, चढ़ के तू ऐ अश्क,
कि चढ़
Shwet
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