hindi sahitya
शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2013
आजादी ;l पराशर गौर
आजादी
इस बस्ती का एक एक पथर
मुझ से बोल उठा .........
ये पथिक तू रुक जरा
दर्द हमारे सुनता जा ..... इस ...
मेंडे बोले , खेत बोला
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