काबिलियत तब धोखा देती है ,
जब मुझे खुद पर यकीन नहीं होता ,
ज़िन्दगी तो एक अनकही कहानी है ,
यहाँ हर रात काली हर सवेरा रंगीन नहीं होता ||
होसलो से अपने उम्मीद न खोना ,
मेरे हर कर्म का मालिक मेरा मुकद्दर नहीं होता ,
ज़िन्दगी तो हर पल नया मौका देती है ,
एक हार से कोई ऊसर एक जीत से कोई सिकंदर नहीं होता ||
कभी अछ्छाई से अनभिज्ञ न होना ,
बेच उसूलो को किसी का उत्थान नहीं होता
ज़िन्दगी तो सिर्फ मानवता धर्म सिखाती है ,
एक दोष से कोई रावण एक दया से कोई राम नहीं होता ||
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें