बचपन से एक ही चाहत लिए चला हु , आगे चलकर तेरे जैसा बनूँगा , चाहे कितना ही ऊँचा क्यों न बन जाऊं, तेरा कृतज्ञ तो हमेशा रहूँगा , अपनी क़ाबलियत पे तुझे तब गर्व होगा , जब ख्वाब तेरे होंगे और पूरा मै करूँगा |
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