हम सब मुसाफिर है जिंदगी की राहो के हँसते – रोते यंहा तुफानो से टकराना है! ! निकले है पाने को आशाओ के नजराने मंजिल के बहाने मौत को गले लगाना है !!
! ! ! @___डी. के. निवातियाँ ___@
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