लोगो कि ज़रुरते पुरी करने मे, ख्वाहिशें दिल कि यूहीं कफन हो गई, ढूढंने निकले थे सुकून जिदंगी मे, दुनिया के शोर मे मन कि आवाज दफन हो गई॥
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