शुक्रवार, 14 सितंबर 2012

वो बेवफा नहीं......

दिल-ए-गुमनाम को कोई नाम कैसे दूँ ,

इन खाली पैमानों में कोई जाम कैसे दूँ ,

मैंने खुद ही डुबाई है कश्ती साहिल पर ,

वो

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