बुधवार, 19 सितंबर 2012

काश कभी…..

काश कभी तुमने मेरी चाहत को समझा होता.

चाहत ये ना थी सब कुछ मिले, पर कभी कुछ तो मिला होता….

हर क़दम पे तेरे साथ चले थे

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