hindi sahitya
शुक्रवार, 14 सितंबर 2012
कृष्णमय मीरा
मन मेरा कृष्णा कृष्णा गाये
इसमें ना कोई और समाये
बाजत ढोल मृदंग मजीरा
बंशीधर में रम गई मीरा
मेरे गिरधर मैं गिरधर
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