गुरुवार, 15 नवंबर 2012

हाइकु ( पर्यावरण)

1

इत्र नहाई

सोने से लदी फदी

खुश थी ज़मीं ।

2

नर्म औ सौंधी

हवाओं की पिटारी

खोलती चली ।

3

घोलता कौन

पिटारी

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