बुधवार, 7 नवंबर 2012

"त्रिशूल"......(प्रथम चरण )

श्री गुलजार जी की लिखी 'त्रिधारा' ये रचनाए पढ़ी। इस प्रकार की रचना मे तीन चरण होते है। पहले दो चरण एक साथ औए तीसरे चरण

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