सोमवार, 31 दिसंबर 2012

कुछ जिंदगी में हमारी तुम इस तरह आए

<strong>कुछ जिंदगी में हमारी तुम इस तरह आये
चाहते हुए भी हम खुद को रोक न पाए|
है ये तेरा जलवा या कदम हमारे थे लड़खड़ाए

पूरा पढ़े ...

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें