सोमवार, 31 दिसंबर 2012

तीन-पंक्तियाँ

"माहिया" नामक शैली से तीन पंक्तियाँ मे कविता लिखी गई है,


(1)
तीन पंक्तियों के मेल,
सजन ‘का ’ खेल;
आप सब बिठाएं

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