hindi sahitya
शनिवार, 9 फ़रवरी 2013
30 -ख़्वाब जो आँखों में थे वो सब फ़साने हो गए
ख़्वाब जो आँखों में थे वो सब फ़साने हो गए
मुश्किलें आई तो अपने भी बेगाने हो गए
आज भी उनकी अदायों में वही है
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