त्यौहार है दीवाली का ख़ुशी ख़ुशी मनाना
दीपको के संग तुम कही दिल न जलाना !!
लक्ष्मी संग गणेश की पूजा करना विधिवत
मगर अपने पूर्वजो का भी अलख जगाना !!
खुशिया मनाओ बम, पटाखे आतिशबाजी कर
पर बच्चो संग छुर्रिया ज़रा संभलकर चलाना !!
रखना ख्याल तुम सब अपना और अपनों का
मगर किसी गैर का भी तुम दिल न दुखाना !!
मिठाई, वस्त्र, धन धान्य से हो परिपूर्ण
सौहार्द का ऐसा तुम घर माहोल बनाना !!
मिटाकर अपने हृदय से सभी मनोविकार
विरोधी को भी इस दिन प्रेम से गले लगाना !!
कोई घर आँगन न हो सूना, दीपो की ज्योति जलाये
सुदूर बैठा हो कोई अपना उस तक रौशनी पहुँचाना !!
प्रकाश हो दिलो में, सबके चहरे खुशियो से मुस्काना
चलते हो हम सब मिलकर अब ऐसा अलख जगाना !!
यादगार बन जाए हर क्षण इस तरह से त्यौहार मनाना !
भूलकर भी भूले से न इस बार किसी का दिल दुखाना !!
त्यौहार है दीवाली का इसे ख़ुशी ख़ुशी मनाना !
बस एक यही सन्देश हमारा, यही सन्देश हमारा,!!
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-::(०)::—–डी. के. निवातियाँ—— -::(०)::-
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