मुक्तक-सत्कार
जहाँ हो बात फूलों की काटों से प्यार कर लेना चाँद प्यारा है मावस पे मगर ऐतबार कर लेना क्या हुआ आज का सुख कल नहीं होगा, न होने दो दुखों का भी ख़ुशी से तुम मगर सत्कार कर लेना ।। शकुंतला तरार रायपुर (छत्तीसगढ़)
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