रविवार, 16 सितंबर 2012

मौत बख्श दो मेरी जान ले लो !!

मुजरीम-ए-इश्क हूँ मेरा इम्तिहान ले लो ,
गम मुझे देकर मेरी खुशियाँ तमाम ले लो ,

बहुत परवाज़ कर चुका खुले आसमान में

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