मंगलवार, 25 दिसंबर 2012

23-हम तो उनके प्यार की शम्मां दिल में जलाए बैठे हैं

--ग़ज़ल --
हम तो उनके प्यार की शम्मां दिल में जलाए बैठे हैं -
क्यूं मिलने से कतराते हैं, क्यूं वो आँख चुराते

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