गुरुवार, 27 दिसंबर 2012

माहिया 37-46

37

जीवन था चन्दन-वन

ऐसी आग लगी

झुलसा है तन औ मन ।

38

क्या रूप निराले हैं

वेश धरे उजले

मन इनके काले हैं ।

39

उपदेश

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