गुरुवार, 20 दिसंबर 2012

धार बनी नदिया की ....!!

छवि मन भावे ...




नयन समावे ..




सूरतिया पिया की ...




 




बन बन .. ढूँढूँ ..




घन बन बिचरूं .....




धार बनी नदिया

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