बुधवार, 19 दिसंबर 2012

तुम ना आये

तुम ना आये तुम को मैं तकती रही

रात भर जलती रही गलती रही

ख्वाहिशें मेरी ...सीने में सिसकती रही

तुम ना आये रात भर

पूरा पढ़े ...

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें