hindi sahitya
बुधवार, 5 दिसंबर 2012
किस्मत
काश के हमे भी कोई फर्क न पड़ता
उनके ख्वाइशों के बिखर जाने पर
और यूँ ही हम मुस्कुराते रहे,
मगर ऐसी आदत मेरी नहीं
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