शनिवार, 22 दिसंबर 2012

जूते

इन भूरे जूतों ने
तय किए हैं
कितने ही सफ़र !

चक्खा है इन्होंने
समुद्र का खारापन
थिरके हैं ये
पहाड़ी लोकगीत पर
और

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