hindi sahitya
शुक्रवार, 7 दिसंबर 2012
उजाले
उम्र भर रहते नहीं हैं
संग में सबके उजाले ।
हैसियत पहचानते हैं
ज़िन्दगी के दौर काले ।
तुम थके हो मान
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