गुरुवार, 27 दिसंबर 2012

koi to hai

कोई तो है!’
 

मेरा पाठक मुरझा गया है क्योंकि कोई उसकी समस्या अनसुलझी छोड़ कर सुलझा गया है। मैं जो लिखता हूं वह

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