बुधवार, 4 नवंबर 2015

* सुनो शनि देव *

जीवन का कड़वा अनुभव
सुनो शनि देव ,

भला करो और भूल जाओ
पाने की इच्छा न दोहराओ
पाने की इच्छा रखते हो अगर
बॉन्ड पेपर पहले भरवाओ ,
जीवन का कड़वा अनुभव
सुनो शनि देव।

समय की यह बात है
यहाँ कोई किसी के न साथ है
सबको यहाँ अपनी परी
स्वार्थ से है जीवन भरी,
जीवन का कड़वा अनुभव
सुनो शनि देव।

रिश्ते-नाते सब टूट गए
भाई-बंधू सब छूट गए
खून के रिश्ते भूल गए
अर्थ ही अब सब भए ,
जीवन का कड़वा अनुभव
सुनो शनि देव।

दे कर अब न पछताओ
अपनी बरकपन खुद गाओ
संघ-संगठन बनाओ
खुद ही पुरस्कार पाओ ,
जीवन का कड़वा अनुभव
सुनो शनि देव।

पहले दुनियाँ तुम्हारी दृष्टी से डरती थी
अब दुनियाँ मानव दृष्टी से डरती है
पहले लोग साढ़ेसाती के चक्कर में पड़ते थे
अब निन्यानवे के चक्कर में हीं रहते हैं ,
जीवन का कड़वा अनुभव
सुनो शनि देव।

कुदृष्टि से भरा पड़ा अब संसार है
तुम्हारी अब यहाँ क्या अवकात है
कहे नरेन्द्र बांधो विस्तर
करो जागरण करो कृतण
जीवन के अनुभव को मधुर बनाओ
शनि देव तुम वापस आओ
कुदृष्टि को मिटाओ।

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