शुक्रवार, 29 जून 2012

शेर ३-असर लखनवी

(1)
उस घड़ी देखो उसका आलम1,
नींद में जब हो आंख भारी।

(2)
कभी मौत कहती है अलहजर2, कभी दर्द कहता है रहम3 कर,
मैं वह राह चलता

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